जीआईसी में बड़ी संख्या में निवेश मिलने की संभावना
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में औद्योगिक विकास पर जोर दे रहे हैं। असी कड़ी में अब गुजरात के बाद मप्र को टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस महीने के अंत में होने वाले राज्य के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 से पहले कहा कि एमपी टेक्सटाइल और परिधान इंडस्ट्री के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला राज्य बन चुका है। राज्य की समृद्ध कृषि, पारंपरिक बुनकर समुदायों की कला, आधुनिक इंडस्ट्रियल आधार और इन्वेस्टर फ्रेंडली पॉलिसी प्रदेश को इस क्षेत्र में सबसे आगे रख रही है। वहीं सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख टेक्सटाइल और गारमेंट हब के रूप में उभर रहा है
जानकारी के अनुसार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस औद्योगिक यात्रा को और गति देने का माध्यम बनेगा, जहां दुनिया भर के इन्वेस्टर्स को प्रदेश में उपलब्ध अवसरों से अवगत कराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कच्चे माल के उत्पादन से लेकर परिधान निर्माण और वैश्विक निर्यात तक सभी चरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश, भारत के 43 प्रतिशत और वैश्विक स्तर पर 24 प्रतिशत ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में योगदान देता है। यह आंकड़ा न केवल प्रदेश की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि इसे पर्यावरणीय रूप से उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
मप्र में पर्याप्त संसाधन
मप्र में टेक्सटाइल और गारमेंट्स उद्योग के लिए पर्याप्त संसाधन है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश कपास उत्पादन में सबसे आगे है। साथ ही यहां का रेशम उद्योग भी लगातार बड़ा हो रहा है। राज्य हर साल 200 टन से अधिक रेशम उत्पादन करता है, जिससे परंपरागत हथकरघा और आधुनिक सिल्क उत्पाद दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश आधुनिक आर्टिफिशियल फाइबर उत्पादन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे टेक्निकल टेक्सटाइल और स्पेशलिटी फाइबर निर्माण को बल मिल रहा है। सीएम यादव ने कहा कि धार जिले में विकसित किया जा रहा पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा। 2,100 एकड़ में फैले इस पार्क में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योगों के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा। यह पार्क न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि प्रदेश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनाएगा।
प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिल्स
मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की पहचान केवल बड़े कपड़ा उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां की पारंपरिक कला भी टेक्सटाइल क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है। चंदेरी, महेश्वरी, बाग प्रिंट, बाटिक प्रिंट और जरी-जरदोजी जैसे हथकरघा उत्पाद मध्य प्रदेश की विरासत को दर्शाते हैं इन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, महेश्वरी साड़ी, बाग पैटर्न और चंदेरी कॉटन को जीआई टैग मिल चुका है, जिससे इन उत्पादों की ब्रांडिंग और बाजार में स्थिति और मजबूत हुई है। प्रदेश में 60 से अधिक बड़ी कपड़ा मिल्स, 4,000 से अधिक करघे और 25 लाख स्पिंडल्स कार्यरत हैं। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, धार, देवास, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और जबलपुर प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। इंदौर का रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर 1200 से अधिक इकाइयों के साथ प्रदेश में रेडीमेड वस्त्र निर्माण की प्रमुख यूनिट बन चुका है। यहां स्थित अपैरल डिजाइनिंग सेंटर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान कर रहे हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में निवेश के लिए सरकार की पहल मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक नीतियां लागू कर रही है।
टेक्सटाइल क्षेत्र में 3,513 करोड़ रुपए का निवेश
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र में 3,513 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है। यह निवेश प्रदेश को उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र निर्माण और निर्यात में अग्रणी बनाएगा। सरकार उद्योगों को बिजली और पानी न्यूनतम दरों पर उपलब्ध करा रही है। साथ ही, जीएसटी में छूट, टैक्स रिबेट और अन्य प्रोत्साहनों के माध्यम से निवेशकों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विशेष रूप से कस्टमाइज्ड इन्सेंटिव पैकेज भी तैयार किया है, जो उद्योगों को उनकी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मप्र पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, रेमंड, आदित्य बिड़ला, वर्धमान टेक्सटाइल, गोकलदास एक्सपोट्र्स, सागर ग्रुप, नाहर स्पिनिंग मिल्स, इंदोरामा और भास्कर जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इन कंपनियों का प्रदेश में लगातार हो रहा निवेश, सरकार की नीतियों और उद्योग के अनुकूल वातावरण का प्रमाण है। इन कंपनियों की सफलता अन्य निवेशकों को भी आकर्षित कर रही है और आने वाले वर्षों में प्रदेश कपड़ा और परिधान क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
जीआईएस से मिलेगी नई धार
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 इस औद्योगिक परिवर्तन को नई दिशा देगा। इस समिट में दुनिया भर के निवेशकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं को आमंत्रित किया जा रहा है ताकि वे मध्य प्रदेश की संभावनाओं को देख सकें और यहां निवेश के नए अवसर तलाश सकें। मध्य प्रदेश टेक्सटाइल क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक नवाचारों का समावेश करते हुए, एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है। सरकार निवेशकों के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार की नीति फार्म से फैब्रिक, फैब्रिक से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से विदेशी बाजार तक की है। इस नजरिए को अपनाकर प्रदेश में टेक्सटाइल और परिधान उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया जा रहा है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेश करने वाले सभी उद्योगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाकर मध्यप्रदेश को विश्वस्तरीय टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करेगी।